ओम साईं राम
शिरडी नाम का छोटा सा
एक गांव है प्यारा
उसके अंदर समाधी मंदिर
अद्भुत अनुपम न्यारा
उसके अंदर साईं बैठे
मंद मंद मुस्काएं
जिनको उनसे मिलना है
वो शिरडी धाम को आए
समाधी मंदिर में बैठे बाबा
देख रहे हैं राह
भक्तों से मिलने की
भगवन भी रखते हैं चाह
द्वारका माई में बैठे बाबा
ताप रहे हैं सेक
श्री चरणों में शीश झुकाकर
माथा तुम लो टेक
चावडी में बैठे बाबा
करते हैं विश्राम
नैनों को शीतल करने को
पहुंचो शिरडी धाम
नीम तले हैं बैठे बाबा
देखो आंखे मूंद
भक्ती रस की चख लो आकर
हर इक पावन बूंद
पालकी में बैठे बाबा
देख रहे चहुं ओर
बाबा की अद्भुत लीला का
पावे ना कोई छोर
बाबा जा रहे हैं करने
लैंडी बाग की सैर
जल्दी जल्दी कदम बढाओ
पकडो उनके पैर
अहोभाग्य हमारा हमने
दर्शन पाये न्यारे
जितने भी थे पूरे हो गये
नैनों के सपने प्यारे
~sai Sawika
जय साईं राम