ॐ सांई राम!!!
सांई दर तेरा बरकतों का भंण्डार है,
तुझे सभी से प्यार है,
मैं भी प्यासी हूँ इस प्यार की,
तेरे दुलार की तेरे दीदार की,
इस दर से कोई गया ना निराश है,
मेरे दिल में भी एक यही आस है,
कैसी भी हूँ मैं मुझे अपनाओं गे तुम,
मुझे हिए से लगाओं गे तुम,
ये दिल में आज ठाना है मैने,
तुझे देखे बिना नहीं जाना है मैने,
झोली भर के ही जाऊं गी मैं,
नहीं तो यही मर जाऊंगी मैं,
ज़िद ये मेरी है तुझे आना पङेगा
मुझे हिए से लगाना पङेगा,
पापी हूँ ,पतित हूँ , कोटिल हूँ चाहे,
पर बेटी हूँ तेरी ये मानना पङेगा,
पुकार ये आज तुझे सुननी पङेगी,
नहीं तो बेटी तुझसे लङ पङेगी,
तु मान ना मान मुझे प्यार है तुझसे,
मैने जो पुकारा तुझे आना पङेगा,
जो तुम ना आए तो मेरा सब तो कुछ ही जाए गा,
पर मेरे सांई......
ममता मयी जो नाम धराया है तुमने,
वो नाम बिगङ जाए गा...
बाबा~~~~~
जय सांई राम!!!