ॐ साईं राम!!!
प्यार किया या गुनाह किया ,
ये मेरी समझ में न आया ,
मैंने चाहा थोड़ा सा प्यार ,
पर सब कुछ ही गवाया है,
दिल गवाया नींद गवाई ,
हर पल का चैन गवाया है,
चाहा था कुछ पाना,
और सभी कुछ लुटाया है,
खैर भला हो दुनिया तेरा,
जो मुझे यह सबक सिखाया है!!!
जय साईं राम!!!