ॐ साईं राम!!!
रे मन सोच समझ कर कदम उठा~
सब को दिल में न बसा~
पहले तो वो लगते अपने~
बाद में होते झूठे सपने~
ऐसे सपने न सज़ा-सोच समझ कर कदम उठा~~
आँखों को देते प्यारे सपने~
फिर चूर चूर कर देते पल में~
देते आँखों से आँसू बहा-सोच समझ कर कदम उठा~~
ये है ज़िन्दगी भर का रोग~
फिर नहीं चलता कोई जोर~
इन से बच कर रह ज़रा-सोच समझ कर कदम उठा~~
जिन्हे तूं कहता ये है मेरे~
वो ही खलते दिल से तेरे~
कोशिश कर न धोखा खा-सोच समझ कर कदम उठा~~
प्यार जो अमृत होता है~
हर दिल में ये नहीं मिलता है~
अमृत को विष में न मिला-सोच समझ कर कदम उठा~~
जय साईं राम!!!
रे मन सोच समझ कर कदम उठा~
सब को दिल में न बसा~
पहले तो वो लगते अपने~
बाद में होते झूठे सपने~
ऐसे सपने न सज़ा-सोच समझ कर कदम उठा~~
आँखों को देते प्यारे सपने~
फिर चूर चूर कर देते पल में~
देते आँखों से आँसू बहा-सोच समझ कर कदम उठा~~
ये है ज़िन्दगी भर का रोग~
फिर नहीं चलता कोई जोर~
इन से बच कर रह ज़रा-सोच समझ कर कदम उठा~~
जिन्हे तूं कहता ये है मेरे~
वो ही खलते दिल से तेरे~
कोशिश कर न धोखा खा-सोच समझ कर कदम उठा~~
प्यार जो अमृत होता है~
हर दिल में ये नहीं मिलता है~
अमृत को विष में न मिला-सोच समझ कर कदम उठा~~
जय साईं राम!!!