ॐ साईं राम
साईं ये जग
छाया तेरी
कतरा कतरा
माया तेरी
तू उलझाता
तू सुलझाता
स्वप्न दिखा कर
तू भरमाता
सकल जगत
प्रतिच्छाया तेरी
जब जी चाहे
तू दे देता
जिससे चाहे
वापस लेता
रूप बदल
आता हर युग में
सतयुग कलयुग
द्वापर त्रेता
परमार्थ के रस्ते
तू ही डाले
मोह माया से
भक्त निकाले
रिद्धि सिद्धि
दे देता उनको
जिनका जीवन
तेरे हवाले
अहम भाव का
नाशक तू है
शुद्ध भाव का
रक्षक तू है
अणु अणु का
स्वामी तू है
सकल सृष्टि का
सँरक्षक तू है
स्व गाथा का
गायक तू है
अनुयायियों का
नायक तू है
सत्कर्मों का
प्रेरक तू ही
भक्तों को
फलदायक तू है
जीवन के
हर कर्म में तू है
भक्ति पथ और
धर्म में तू है
जिन खोजा
तिन ये ही पाया
जीवन के
हर मर्म में तू है
साईं ये जग
छाया तेरी
कतरा कतरा
माया तेरी
तू उलझाता
तू सुलझाता
स्वप्न दिखा कर
तू भरमाता
सकल जगत
प्रतिच्छाया तेरी
जब जी चाहे
तू दे देता
जिससे चाहे
वापस लेता
रूप बदल
आता हर युग में
सतयुग कलयुग
द्वापर त्रेता
परमार्थ के रस्ते
तू ही डाले
मोह माया से
भक्त निकाले
रिद्धि सिद्धि
दे देता उनको
जिनका जीवन
तेरे हवाले
अहम भाव का
नाशक तू है
शुद्ध भाव का
रक्षक तू है
अणु अणु का
स्वामी तू है
सकल सृष्टि का
सँरक्षक तू है
स्व गाथा का
गायक तू है
अनुयायियों का
नायक तू है
सत्कर्मों का
प्रेरक तू ही
भक्तों को
फलदायक तू है
जीवन के
हर कर्म में तू है
भक्ति पथ और
धर्म में तू है
जिन खोजा
तिन ये ही पाया
जीवन के
हर मर्म में तू है
~SaiSewika
जय साईं राम
जय साईं राम