ॐ साईं राम
साईं नाम की माला फेरूँ
साईं के गुण गाऊं
यहाँ वहाँ या जहाँ रहूँ
साईं साईं ध्याऊं
आँख उठाऊँ साईं दिखता
आँख झुकाऊँ साईं
मन मन्दिर में आन विराजा
मेरा सर्व सहाई
दीवानी सी हुई बावरी
साईं तेरी दासी
निरख निरख सुख पातीं
फिर भी अखियाँ रहती प्यासी
साँस साँस जो आती जाती
साईं साईं ध्याती
गुण गान करती ये जिव्हा
कभी ना थकने पाती
बस ऐसे ही साईं मेरे
तुझको ध्याती जाऊं
सिमर सिमर कर स्वास स्वास में
साईं तुझको पाऊँ
कभी ना भूलूं देवा तुझको
मुझको ऐसा कर दो
तुझको भूलूँ तो जग छूटे
साईं ऐसा वर दो
~सांई सेविका
जय साईं राम