ओम साईं राम
साईं मुझे हर पल तेरा साथ चाहिए
सिर पर हमेंशा तेरा हाथ चाहिए
मेरे हर करम पर निगाह अपनी रखना
मुझको हे मालिक पनाह अपनी रखना
भटकूं कभी तो तू राह दिखाना
ना भूलूं तुझे ऐसी चाह जगाना
मेरा हर रस्ता तेरे दर पे पहुंचे
मेरा हर कदम बस तेरे घर पे पहुंचे
आकर थाम लेना मैं गिरने लगूं जो
गिराना, तेरी राह से फिरने लगूं तो
कोई लम्हा तुझसे जुदा ना हो मेरा
तुझसे अलग कोई खुदा ना हो मेरा
तुझसे ना शुरु ऐसी कोई बात ना हो
तुझपे ना खत्म ऐसे जज़्बात ना हो
सांसों में दिल में समाए तू रहना
मेरा ये भरोसा बनाए तू रहना
~सांई सेविका
जय साईं राम