ॐ सांई राम!!!
अनदेखे प्रियतम प्यारे सांई ,
हे अविनाशी हे सुखधाम,
तूने कृपा बरसाई है ,
जो अब मेरी बारी आई है ।
सुख पा लिया, दुख झेल लिया,
संसारिक खेल भी खेल लिया,
अब मिला सहारा सांई तेरा,
मेरे परमकृपालु बाबा का,
अब इस अमृत का मैं पान करूं,
इस गंगा में मैं स्नान करूं,
अब और नहीं कुछ चाहूं मैं,
बस इन चरणों में खो जाऊं मैं~~~
जय सांई राम!!!