ॐ साईं राम
मेरा जी चाहता है साईं
तेरा मैं गुणगान करूं
जहां भी कोरा कागज़ देखूं
लिख लिख तेरा नाम भरूं
आसमान पर साईं लिख दूं
सूरज की किरणों से मैं
नाम तेरा फिर गूंज उठे
भूतल के हर कण कण में
सागर की लहरों पर जाकर
बिखरा दूं मैं साईं नाम
दूर दूर तक जहां नज़र हो
वहीं पे देखूं तेरा धाम
हवाओं और फिज़ाओं पे लिख दूं
साईं नाथ मैं नाम तेरा
चमन में खुशबू बन कर फैले
जयघोष तेरा जयनाद तेरा
ज़र्रे ज़र्रे में भर जाए
साईं नाम का ही स्पंदन
पुलकित होकर दर्शन पाऊं
हर पल तेरा हो चितरंजन
साईंमय ये सृष्टि सारी
देखूं यहां वहां चहूं ओर
नज़रों से ओझल ना होना
मेरे चंचल चित्त के चोर
~सांई सेविका
जय साईं राम