ॐ साईं राम!!!
आज शब्द मौन हैं मेरे~
विचार शून्य हो चुके हो जैसे~
क्या कहूं कैसे कहूं कैसे सहूँ ~
ये दर्द मुझसे सहा न जाए~
मेरे साईं एक विनती सुन ले मेरी~
मेरे साईं अपने चरणों में स्थान दो मुझे~
साईं साईं रटती जाऊं ऐसा कुछ वरदान दो~
कुछ भी न कहूँ ,कुछ भी न सोचूं ~
बस श्रद्धा से तेरे चरणों नतमस्तक हों जाऊं~
और तेरी भक्ती में अब बह जाऊं~~~~~~
जय साईं राम!!!
आज शब्द मौन हैं मेरे~
विचार शून्य हो चुके हो जैसे~
क्या कहूं कैसे कहूं कैसे सहूँ ~
ये दर्द मुझसे सहा न जाए~
मेरे साईं एक विनती सुन ले मेरी~
मेरे साईं अपने चरणों में स्थान दो मुझे~
साईं साईं रटती जाऊं ऐसा कुछ वरदान दो~
कुछ भी न कहूँ ,कुछ भी न सोचूं ~
बस श्रद्धा से तेरे चरणों नतमस्तक हों जाऊं~
और तेरी भक्ती में अब बह जाऊं~~~~~~
जय साईं राम!!!