ॐ सांई राम~~~
दोहरी ज़िंदगी जी जी कर, थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे पर प्यार बरसता है, दिल नफरत से भरा है~
यूँ ही झूठा प्यार दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे पर इतनी मधुरता , दिलों में इतनी कठोरता~
झूठी मधुरता दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
दिल हमारे इतने गंदे , कपड़े हमारे उतने उजले~
इतना खुद को साफ दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे कितने शांत दिखाए , दिलों में इतनी जलन बसाए~
यूँ ही झूठी शान्ति दिखा के , थकते नहीं क्यों हम लोग?
एक ज़िंदगी निभाना मुश्किल , धन्य है ये बेचारा दिल~
दोहरी ज़िंदगी जी जी कर, थकते नहीं क्यों हम लोग?
जय सांई राम!!!
दोहरी ज़िंदगी जी जी कर, थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे पर प्यार बरसता है, दिल नफरत से भरा है~
यूँ ही झूठा प्यार दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे पर इतनी मधुरता , दिलों में इतनी कठोरता~
झूठी मधुरता दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
दिल हमारे इतने गंदे , कपड़े हमारे उतने उजले~
इतना खुद को साफ दिखा कर , थकते नहीं क्यों हम लोग?
चेहरे कितने शांत दिखाए , दिलों में इतनी जलन बसाए~
यूँ ही झूठी शान्ति दिखा के , थकते नहीं क्यों हम लोग?
एक ज़िंदगी निभाना मुश्किल , धन्य है ये बेचारा दिल~
दोहरी ज़िंदगी जी जी कर, थकते नहीं क्यों हम लोग?
जय सांई राम!!!