Om Sai Ram!!!
हम से तो ये फूल ही अच्छे,
कैसे मौन खिलखिलाते रहते,
गरीब अमीर कोई फर्क न करते,
सभी को अपनी खुश्बू देते,
चाहे कोई देखे न देखे,
पर ये स्वागत मुस्कुरा कर करते,
चाहे इन्हें तोड़ दे कोई,
कोमल पंखुडियां मसल दे कोई,
चाहे सुईयां चुभों दे कोई,
पर ये फिर भी हंसते रहते,
इन सब के ऊपर और एक बात,
ये सदा कांटों पर खिलते,
दर्द है क्या, चुभन है क्या, ये खूब समझते,
पर फिर भी ये उफ तक न करते,
केवल हंसतें और मुस्कुराते,
जब मैं देखूं इन्हें, शर्मिन्दा होती.....
छोटी सी जान और कितना बड़ा दिल रखते,
मौन रहते, दुख सहते परा सदा हंसतें रहते!!!
Jai Sai Ram!!!
हम से तो ये फूल ही अच्छे,
कैसे मौन खिलखिलाते रहते,
गरीब अमीर कोई फर्क न करते,
सभी को अपनी खुश्बू देते,
चाहे कोई देखे न देखे,
पर ये स्वागत मुस्कुरा कर करते,
चाहे इन्हें तोड़ दे कोई,
कोमल पंखुडियां मसल दे कोई,
चाहे सुईयां चुभों दे कोई,
पर ये फिर भी हंसते रहते,
इन सब के ऊपर और एक बात,
ये सदा कांटों पर खिलते,
दर्द है क्या, चुभन है क्या, ये खूब समझते,
पर फिर भी ये उफ तक न करते,
केवल हंसतें और मुस्कुराते,
जब मैं देखूं इन्हें, शर्मिन्दा होती.....
छोटी सी जान और कितना बड़ा दिल रखते,
मौन रहते, दुख सहते परा सदा हंसतें रहते!!!
Jai Sai Ram!!!