Om Sai Ram!!!
आज मेरा दिल बङा उदास,
न जाने ये क्यों उदास,
आँखो में आंसू भरे है,
न जाने कैसी है प्यास,
यूँ लगे जैसे हवा भी उदास,
पक्षीओ की चहचहाहट उदास,
चारों ओर सब कुछ उदास,
आत्मा अंदर फङफङाती,
यूँ चाहे कहीं दूर उङ जाती,
जहाँ कोई मुझे कोई तंग न करे,
न देखे न बात करें,
मैं होऊं और मेरी आत्मा हो,
न हो कोई दूसरी बात,
आँखे हैं आंसू बहाती,
न जाने ये किसे बुलाती,
होठ भी कुछ न कहना चाहे,
बस ये चुप ही रहना चाहे,
कान कुछ नहीं सुनना चाहते,
काश,कुछ देर ये बंद हो जाते
न मैं सुनूं न कहूँ कुछ बात,
आज मेरा मन बङा उदास,
शब्द नहीं है कुछ कहने को,
मन में जो है भाव छिपे,
क्या हो रहा मैं भी न जानूं,
कहाँ हो तुम हो कहाँ छिपे!!!
Jai Sai Ram!!!
आज मेरा दिल बङा उदास,
न जाने ये क्यों उदास,
आँखो में आंसू भरे है,
न जाने कैसी है प्यास,
यूँ लगे जैसे हवा भी उदास,
पक्षीओ की चहचहाहट उदास,
चारों ओर सब कुछ उदास,
आत्मा अंदर फङफङाती,
यूँ चाहे कहीं दूर उङ जाती,
जहाँ कोई मुझे कोई तंग न करे,
न देखे न बात करें,
मैं होऊं और मेरी आत्मा हो,
न हो कोई दूसरी बात,
आँखे हैं आंसू बहाती,
न जाने ये किसे बुलाती,
होठ भी कुछ न कहना चाहे,
बस ये चुप ही रहना चाहे,
कान कुछ नहीं सुनना चाहते,
काश,कुछ देर ये बंद हो जाते
न मैं सुनूं न कहूँ कुछ बात,
आज मेरा मन बङा उदास,
शब्द नहीं है कुछ कहने को,
मन में जो है भाव छिपे,
क्या हो रहा मैं भी न जानूं,
कहाँ हो तुम हो कहाँ छिपे!!!
Jai Sai Ram!!!