ॐ साईं राम~~~
हाय वे रब्बा किनी दूर वे तेरे डेरे
पौङिया चढ़ चढ़ के मैं थक गई,
चौरासी लख पौङिया चढ़ के
हुन ते रब्बा में वी अक गई,
ए आखिरी पौङी मेरी ए
फिसलन भरी घनेरी ए
सामने तेरा डेरा ए,पर अगे घोर अंधेरा ए,
सामने आन नू दौङना चांवा
पर डिगन खनों डर जांवा
पौङिया चढ़ चढ़ औखी होई
आखिरी पौङी ते हिम्मत खोई,
हुन फङ लै हथ ते खिच लै उत्ते
कर कृपा हुन अपनी दासी ते,
देखी जे पैर फिसल गया मेरा
ते थल्ले जा पवांगी,फिर दुबारा कीवें आवांगी
कर कृपा अंधेरा हटा,अपने चरणा विच लगा!!!
जय सांई राम~~~
हाय वे रब्बा किनी दूर वे तेरे डेरे
पौङिया चढ़ चढ़ के मैं थक गई,
चौरासी लख पौङिया चढ़ के
हुन ते रब्बा में वी अक गई,
ए आखिरी पौङी मेरी ए
फिसलन भरी घनेरी ए
सामने तेरा डेरा ए,पर अगे घोर अंधेरा ए,
सामने आन नू दौङना चांवा
पर डिगन खनों डर जांवा
पौङिया चढ़ चढ़ औखी होई
आखिरी पौङी ते हिम्मत खोई,
हुन फङ लै हथ ते खिच लै उत्ते
कर कृपा हुन अपनी दासी ते,
देखी जे पैर फिसल गया मेरा
ते थल्ले जा पवांगी,फिर दुबारा कीवें आवांगी
कर कृपा अंधेरा हटा,अपने चरणा विच लगा!!!
जय सांई राम~~~