ॐ साईं राम!!!
अब किसी से कोई गिला नहीं , न किसी से शिकवा ,
क्या गिला क्या शिकवा करना , जब अपनी ही है खता ,
हम से ही नहीं किया गया , जो लोगों ने करने को कहा ,
लोगों ने प्यार के मजें लिए , हमने की उसकी पूजा ,
जो देखा वही सच माना , जबकि था सब झूठा ,
जब हंसी तब सब साथ थे , रोई तो न किसी ने आंसू पौछा ,
यही संसास की रीत है , हर कोई अपने लिए जीता ,
मैं ही नहीं समझ पाई , इसमें किसी की क्या खता !!!
जय साईं राम!!!
अब किसी से कोई गिला नहीं , न किसी से शिकवा ,
क्या गिला क्या शिकवा करना , जब अपनी ही है खता ,
हम से ही नहीं किया गया , जो लोगों ने करने को कहा ,
लोगों ने प्यार के मजें लिए , हमने की उसकी पूजा ,
जो देखा वही सच माना , जबकि था सब झूठा ,
जब हंसी तब सब साथ थे , रोई तो न किसी ने आंसू पौछा ,
यही संसास की रीत है , हर कोई अपने लिए जीता ,
मैं ही नहीं समझ पाई , इसमें किसी की क्या खता !!!
जय साईं राम!!!