ॐ सांई राम!!!
बाबा,आज मैं अकेली हूँ इतनी,
कि सब से दूर निकल आई हूँ कितनी,
बाबा,आज जो तुम थाम लो इक पल के लिए,
मेरी थकी हुई सांसों को तेरा सहारा मिल जाएगा,
तू बुला ले मुझे करीब इतने,
थकी हुई इस बेटी को तेरी,
बाहों का सहारा मिल जाएगा,
तेरे चरणों में मुक्ति पा जाऊं,
तो मुझे भी किनारा मिल जाएगा...
कि सब से दूर निकल आई हूँ कितनी,
बाबा,आज जो तुम थाम लो इक पल के लिए,
मेरी थकी हुई सांसों को तेरा सहारा मिल जाएगा,
तू बुला ले मुझे करीब इतने,
थकी हुई इस बेटी को तेरी,
बाहों का सहारा मिल जाएगा,
तेरे चरणों में मुक्ति पा जाऊं,
तो मुझे भी किनारा मिल जाएगा...
जय सांई राम!!!