ॐ साईं राम!!!
न थी जब अपने हाल की खबर~
देखती रही लोगों के मैं ऐब और हुनर~
पडी जब मेरी अपने ही गुनाहों पे नज़र~
तो निगाह में कोई बुरा न रहा~~
बुरा जो देखन में चला बुरा न मिलिया कोय~
जो दिल खोजा आपना तो मुझसे बुरा न कोय~~
जय सांई राम!!!
न थी जब अपने हाल की खबर~
देखती रही लोगों के मैं ऐब और हुनर~
पडी जब मेरी अपने ही गुनाहों पे नज़र~
तो निगाह में कोई बुरा न रहा~~
बुरा जो देखन में चला बुरा न मिलिया कोय~
जो दिल खोजा आपना तो मुझसे बुरा न कोय~~
जय सांई राम!!!