ॐ साईं राम
साईं मोहे अगला जनम
तू ना दीजो
दीजो तो फिर मोहे
बिटिया ना कीजो
जिस घर के आँगन में
फूली फली मैं
बिसारी वो देहरी
वो भूली गली मैं
ना हुई दुख में शामिल
ना दर्द ही बाँटे
ना कभी आके बीने
उनकी राहों से काँटे
समझूँ मैं खुद को
अपराधी हे स्वामी
अभिलाषा है अब तो
यही अँतरयामी
देना जनम जो,
तो बेटे का देना
माँ बाप का कर्ज़
मम सिर पर रहे ना
अगले जनम यही
माँ बाबा पाऊँ
बन इनका बेटा
इनका आँगन सजाऊँ
बाबा महतारी के
अँग सँग रहूँ मैं
दुख दर्द उनके
सँग सँग सहूँ मैं
बीमारी में कर पाऊँ
उनकी मैं सेवा
लाचारी में बाँटू
पीडा मैं देवा
कँपाते हाथों को
बढ के मैं थामूँ
सपनें में भी कोई
दुख उनकों ना दूँ
बेटा बना कर
मोहे दुनिया में लाना
मुझे मेरे माँ बाबा का
ऋण है चुकाना
जय साईं राम
साईं मोहे अगला जनम
तू ना दीजो
दीजो तो फिर मोहे
बिटिया ना कीजो
जिस घर के आँगन में
फूली फली मैं
बिसारी वो देहरी
वो भूली गली मैं
ना हुई दुख में शामिल
ना दर्द ही बाँटे
ना कभी आके बीने
उनकी राहों से काँटे
समझूँ मैं खुद को
अपराधी हे स्वामी
अभिलाषा है अब तो
यही अँतरयामी
देना जनम जो,
तो बेटे का देना
माँ बाप का कर्ज़
मम सिर पर रहे ना
अगले जनम यही
माँ बाबा पाऊँ
बन इनका बेटा
इनका आँगन सजाऊँ
बाबा महतारी के
अँग सँग रहूँ मैं
दुख दर्द उनके
सँग सँग सहूँ मैं
बीमारी में कर पाऊँ
उनकी मैं सेवा
लाचारी में बाँटू
पीडा मैं देवा
कँपाते हाथों को
बढ के मैं थामूँ
सपनें में भी कोई
दुख उनकों ना दूँ
बेटा बना कर
मोहे दुनिया में लाना
मुझे मेरे माँ बाबा का
ऋण है चुकाना
जय साईं राम